14 September 2016

त्राटक मेडिट्रेशन करे और अपनी एकाग्रता बढ़ाए

त्राटक  मेडिट्रेशन करे और अपनी एकाग्रता बढ़ाए

tratak meditation in Hindi


किसी केंद्र को आखो के द्वारा बिना पलक  झपकाए  एकटक देखना त्राटक मेडीट्रेशन  tratak meditation कहलाता  है।  त्राटक का अभ्यास करने से शरीर की चंचलता दूर होकर स्थिरता बढ़ती है। त्राटक से हमारा मन एकाग्र होने लगता है।

कहा गया है  ''तप: सर्वेषु एकाग्रता पर तप:''    सभी तपो में एकाग्रता परम तप ( श्रेष्ठ तप ) है। 

 त्राटक एक हट योग का प्रकार है। और यह एक प्राचीन कला है।   जो की आध्यात्मिक Goals प्राप्त करने के लिए किया जाता है।  पर Students भी अपनी एकाग्रता और स्मरणशक्ति की विकास के लिए इसे कर सकते है।  इससे आखो की ज्योति भी बढ़ती है। हमारे मन में बहोत सारे विचार शुरू ही रहते है जिससे हम एकाग्रत और मन की शांति का अनुभव नहीं कर सकते।  यदि आप नियमित रूप से त्राटक करते है।  तो धीरे धीरे हमे मन की शांति का अनुभव होने लगता है।  और उसके बाद हमारे मन को अवांछित विचारो से छुटाकरा मिल जाता है। 

त्राटक मेडीट्रेशन ( tratak meditation ) कैसे करे ?

त्राटक के लिए सरल विधि है। आप को एक फुट का चौरस कार्डबोर्ड लेकर उसके मध्य भाग में एक रुपये के सिक्के जितना वृत्ताकार गोला बनाकर उसमे काल रंग भर दे।  और उस गोले के मध्य भाग में सरसो के दाने के बराबर पिले रंग से बिंदु अंकित कर दे। 

अब इस को 3 -4 फुट की दुरी पर रखो।   आखो के सामने आखो के  level में रखे।  न ऊपर न निचे।  अब उस पिले बिंदु को लगातार एकटक देखे , बिना पालक झपकाए। 

( आप को जलते हुए दिए ज्योत को एकटक देखना होता है या आप मोमबती  की लव को  भी एकटक देख सकते हो। )

जब आप की आखो में थकान लगने लगे या आखो से आंसू बहने लगे , तब आखो को बंद कर के अंदर ही अंदर उस बिंदु का ध्यान करे।  आप को वह बिंदु बंद आखो से भी दिखने लगेगा। उस बिंदु को देखते रहो जब तक की वह बिंदु या दीपक की लव काम न हो जाए। आप गहन शांति महसूस कर रहे होंगे। और धीरे धीरे अपनी आँखे खोल लीजिए।

त्राटक का अभ्यास प्रारंभ में 5 से 10 मिनट कर सकते है। फिर आप चाहे तो टाइम बढ़ा सकते हो।  त्राटक का अभ्यास जितना बढ़ता जायेगा उतना ही मन एकाग्र और प्रफुल्लित होता जायेगा।  परेशानियों से मन खिन्न नहीं होगा। विकार , विचार नहीं सताएंगे।  कार्य करने के प्रति धैर्य उत्साह साहस अदि दिव्या गुण बढ़ने लगेंगे। 

दोस्तों यहाँ मैं आपको आईस्टाइन का किस्सा सुनना चाहुगा ,
   
  प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आईस्टाइन बचपन में बड़े अलसी और मंदबुद्धि की विद्याथी थे।  पढ़ने में मन नहीं लगता था।  इसी कारण एक ही कक्षा में सफल होने के लिए दो साल का समय लगता था।  तब कही जा कर मुश्किल से पास हो पाते थे।  शिक्षक एवं माता पिता उनकी इस अवस्था से परेशान रहते थे।  एक बार आईस्टाइन ने अपने माता-पिता से प्रश्न किया सभी मुझे मंद बुद्धि कहते है।  क्या मैं बुद्धिमान नहीं बन सकता ? 

तब माँ ने कहा की अवश्य बन सकते हो।  किन्तु इसके लिए तुम्हे कुछ प्रयत्न करने होंगे।  यह सुन  आईस्टाइन ने कहा की माँ आप जो कहेगी मैं  करुगा। तब , माँ ने आईस्टाइन को त्राटक एवं ध्यान करना सिखाया।  इस अभ्यास को आत्मसाद करते ही आईस्टाइन की एकाग्रता बढ़ने लगी एवं कुछ ही दिनों के अंदर उनमे परिवर्तन होने लगा , जो लोग उन्हने बुद्धिहीन समझते  थे वे अब उनकी बुद्धिमानी की प्रशंसा करने लगे और आगे चलकर यही विद्याथी विश्व प्रसिद्ध विज्ञानिक अल्बर्ट आईस्टाइन कहलाए।  एक बार उनसे किसी ने उनकी सफलता का राज पूछा तो  आईस्टाइन ने उन्हें अपना वह कक्ष दिखाया जहा वे नियमित त्राटक और ध्यान का अभ्यास करते थे।  

   
त्राटक मेडीट्रेशन tratak meditation के लाभ :
  • बच्चो और Student के लिए पढाई में फायदेमंद।
  • त्राटक करने से आप की  बौद्धिक और स्मरणशक्ति का विकास होगा।
  •  आत्मविश्वास बुद्धि और धैर्य बढ़ने में मदत मिलेगी। 
  • आप के मन से नकारात्मक विचार दूर जायेगे और आप पॉजिटिव विचार आएंगे। 
  • विचार और इच्छावो से दूर जायेगे और आप शांति महसूस करेगे। 
  • मानसिक विकारो से मुक्ति मिलेगी आप को दूरदर्शी  का विकास होगा। 
  • आप के आध्यात्मिक शक्ति बढ़ेगी। 
  • मंत्र, ध्यान की  शुरवात के लिए त्राटक अच्छा है।  
  • आखो की क्षमता बढाती है।



tratak meditation  में सावधानिया :

  • दोस्तों त्राटक करने के लिए हमे शातिपूर्ण माहौल चाहिए।  जहा कोई शोर न हो वही जगह आप त्राटक कर सकते है। 
  • आप बंद कमरे में भी कर सकते है।  कमरे के लाइट बंद कर दे और काले परदे लगा दे।  ताकि आप का ध्यान न भटके। 
  • हमेशा सुखासन में बैठ कर ही त्राटक करे। 
  • त्राटक आप सुबह या शाम को कर सकते हो और हमेशा खाली पेट ही करे। 
i Hope यह पोस्ट आप के जरूर काम आएगी।   

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