16 September 2016

जानिए सुप्त वज्रासन विधि और लाभ

जानिए सुप्त वज्रासन विधि और लाभ

supta vajrasana vidhi aur labh in Hindi



Friends  इसके पहले मैंने वज्रासन की Post Share की है।  आज मैं सुप्त वज्रासन के बारे में बताने जा रहा हु।  इस आसन से आप आकर्षक एवं स्वस्थ शरीर पा सकते है। so आज मैं आप को इस आसन के बारे में बताना जा रहा हु। 
सुप्त का मतलब होता है सोया हुआ।  मतलब वज्रासन की स्थिति में सोया हुआ आसन।  इस आसन में वज्रासन की स्थिती में पीठ के बल लेटना पड़ता है।  यह आसन थोड़ा मुश्किल और पीड़ादायक लगता है।  पर धीरे धीरे Practice से हमे आ जाता है।  इसे Laying Thunderbolt Pose भी कहा जाता है।  

वज्रासन हम भोजन के तुरंत बाद कर  सकते है पर सुप्त वज्रासन का ऐसा नहीं इसे आप भोजन के तुरंत बाद नहीं कर सकते हो।  यह आसन आप सुबह कर सकते हो।  और आप को यह आसन खाली पेट या भोजन के 5 -6 घण्टे  बाद करना है। 


सुप्त वज्रासन कैसे करे :-

  •  आप को वज्रासन की स्थिती मेंबैठना है।  वज्रासन की पोस्ट मैंने पहले ही Share की है। आप यहाँ देख सकते है की वज्रासन कैसे करे यहाँ क्लिक करे। 
  • वज्रासन में बैठने के बाद दोनों पैरो में इतना अंतर राख्नते है की नितंब जमीन से लग जाए। 
  • आप के पैरो में दर्द हो रहा होगा तो आप धीरे धीरे करे एकदम से पीछे न झुके।
  • अब दाएँ हाथ को पीछे ले जाते है।  और बाएँ कधे के निचे रखते है।  
  • इस अवस्था में दोनों हाथो की कैची जैसे स्थिती बन जाती है।  उसके बाद इसके बिच में सिर को रख दीजिए।  इस अवस्था में कुछ समय रहिए। 
  • पहली वाली स्थिती में आने के लिए दोनों हाथो के कोहनियो का सहारा ले और उठकर बैठ जाए। 

सुप्त वज्रासन  के लाभ :

इस आसन के बहोत सारे फायदे है। पर जब हम शुरवात करते है तो हो सकता है हमें तकलीफ हो पर इसके फायदे देख कर आप इसे जरूर करणा चाहोगे.   तो चलिए इसके लाभ देखते है। 

  • सुप्त वज्रासन में खिंचाव के कारण हमारे पेट की चर्बी बहोत जल्द कम होती है और एक अच्छा shape हमें मिलता है। 
  • हमारी digestion System अच्छी बनती है। 
  • हमारे दिल और सिर में Blood Circulation बढ़ता है। 
  • यह आसन से स्त्रियों में मासिक धर्म , बांझपन , योनि रोग दूर करता है और  वक्ष स्थल आकर्षक बनते है। 
  • इस आसन  से हमारे उदर में खिंचाव होता है और उदर और नाडीयो मे रक्त प्रवाहित होता है।  और हमें उदर संबधी सभी रोगों से मुक्ति मिलती है। 
  • स्वास नलिका की सूजन और सभी प्रकार के स्वसन विकार में फायद होता है। 
  • घुटने और कमर दर्द और पीठ दर्द से मुक्ति मिलती है। 
  •  गले के रोग , टॉन्सिल्स , दूर होते है। 
  • आखो के रोशनी बढ़ता है। 
  • सुप्त वज्रासन  बवासीर में भी लाभदायक है।  
  •  स्मरणशक्ति बढ़ती है।


सुप्त वज्रासन  में सावधानिया :

  •  सुप्त वज्रासन खाने के तुरंत बाद न करे।
  • घुटने को injury या operation हुआ हो तो यह आसन न करे। 
  • pregnancy या मासिक धर्म में यह न करे। 
  • High Blood  Pressure के रोगी यह आसन न करे। 
  • कमर दर्द हो या पीठ दर्द हो तो यह आसान सावधानी से करणा चाहिए। 

  

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