23 January 2017

26 जनवरी गणतंत्र दिवसपर भाषण


26 January Republic day Speech in Hindi


मेरे आदरणीय प्रधान अध्यापक सर , मेरे आदरणीय सर और मैडम और मेरे सभी सहपाठियो को सुबह का नमस्कार और आप सभी को गणतंत्र दिवस की ढेर सारी बधाईया।  आज ऐसे महान अवसर पर आपने मुझे यहाँ बोलने का मौका दिया उसके लिए धन्यवाद। 

आज हमारे देश का 68 वा गणराज्य दिन है।  हम ने हमारा पहला गणराज्य दिन 26 जनवरी 1950 को बनाया था।  और तब से लेकर आज तक हम पुरे उत्साह से यह दिन बनाते आये  है।  दोस्तों ''गणराज्य'' का मतलब गण- जनता तथा राज्य -देश इसका मतलब शासनतंत्र में देश का सर्वोच्च पद पर जनता का हक़ होना।  इसका ही मतलब जनता के द्वारा ही जनता के लिए शासन।  और हर एक के पास बराबर का अधिकार है।  आज बहोत से छात्रों को  गणराज्य क्या है और 26 जनवरी को ही क्यू मनाया जाता है।  यह ठीक से पता नहीं होगा। 


जिस तरह अनुशासन और नियम से हमारे स्कूल कॉलेज चलते  है।  अनुशासन मतलब स्कूल के कुछ कायदे और नियम जिसके वजह से स्कूल बिना कोई दिक्कत से चलता है। जिसके वहज से हम जीवन में कुछ बन पाते है। उसी तरह देश की आज़ादी उसका संविधान नियंत्रित करता है। यह संविधान का ही कमाल है की आज हम कुछ कर सकते है।  भारत में कही भी घूम सकते है। अपने पसंद का व्यापर business कर सकते है। अपने विचार प्रकट कर सकते है। यह हमे जीने के आज़ादी देता है। 26 नवंबर को संविधान सभा द्वारा यह स्वीकृत किया गया है 26 जनवरी 1950 के दिन ही यह संविधान लागु किया गया और इसलिए हम 26 जनवरी को हरसाल अपना गणतंत्र दिवस मानते है। 

आप को संविधान के बारे में कुछ जानकारी देता हु।  हमरा संविधान Dr . भीमराव बाबासाहेब आंबेडकर की अध्यक्षता में बनाया गया है। और इसलिए भीमराव बाबासाहेब आंबेडकर को ही संविधान का जनक माना जाता है। संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 लग गए। लगभग 64 लाख खर्च इसे बनवाने में आया था। संविधान में 395 कलम 25 भाग और  अनुसूचियां मौजूद है। संविधान में सभी के हितो की बात की गयी है। यह सभी जात पंत धर्म का विचार करके बनाया गया है। फिर भी जब जरुरत हो तो समय समय इसमे घटना दुरुस्ती की जाती है। भारत का संविधान विश्व का सबसे अच्छा लिखित संविधान माना जाता है। 



भारत 150 साल अग्रेजो का गुलाम रहा। हम इतने साल तक गुलामी के बेड़ियो में जकड़े हुए थे। पर आज हम  भगतसिंग सुखदेव राजगुर शुभाषचंद्र बोस ,खुदीराम बोस , जैसे महान क्रांतिकारी जिन्होंने ने बहोत ही कम उम्र में देश के लिए अपनी जान अर्पण कर दी और महात्मा गाँधी , मोतीलाल मेहरू , वल्लभाई पटेल ,जैसे देशभक्तो ने जिन्होंने देश को अहिंसा का पाठ पढ़ाया और ऐसे कई अनगिनत क्रांतिकारी जो 1857-1947 तक संघर्ष किया और देश के लिए अपना बलिदान दिया। और भारत 15 अगस्त 1974 को एक स्वतंत्र देश बन पाया। हमें इन महान लोगो के बलिदान और त्याग को कभी नहीं भूलना चाहिए। 

आज भारत हर क्षेत्र में आगे जा रहा है।  सबसे जड़ नौजवान का देश हमारा भारत ही है।  भारत विश्वगुरु बन रहा है।  और यह हमारे लिए बहोत गर्व की  बात है। फिर भी आज भारत में बेरोजगारी , गरीबी , अशिक्षा, भ्रष्ट्राचार से ग्रसित है। और हमारा लक्ष यह रहना चाहिए की भारत को ऐसी बीमारियों से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जाए। हमें सिर्फ राष्ट्रीय त्योहारो पर ही हमारे महान स्वतंत्र सेनानी और उनके बताये गए आदर्शो की याद आती है। और बाद में हम सब भूल जाते है। हमें उनके बताए गए रास्तो पे चलना है।यह हमारा कर्तव्य है की देश की प्रगती और हित में हम सदा देश के साथ रहे।  इसतरह ही एक नए भारत का जन्म हो पायेगा।

दुनिया में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहा हर जाती,धर्म के लोग रहते है।  सब लोगो की अलग अलग भाषा अलग अलग परिवेष है।  उनके रीती रिवाज भी अलग है।  फिर भी सभी भारतवासी मिल जुलकर रहते है। यह भारत के लिए बहोत बड़ी गर्व की बात है। इतनी विविधत में एकता आप को कही नहीं दिखेगी। बहोत बार यह एकता को तोड़ने का प्रयास कुछ तकादों ने किया है पर भारत सदा एक था,  है और सदा एक ही रहेगा। 

अंत मै यही कहूंगा

 अलग है भाषा , धर्म, जात 
और प्रांत ,भेष , परिवेश। 
पर हम सब  का एक है गौरव 
राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ट।
जय हिंद जय भारत। 


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