शवासन विधि और लाभ
शवासन यानी अपने शरीर को मुर्दे सामान बना लेना , इसलिए इसे शवासन कहते है। इस आसन से हमें मानसिक शांति मिलती है और एकाग्रता बढ़ती है।
विधि :
शवासन के लाभ :
सावधानी :
शवासन यानी अपने शरीर को मुर्दे सामान बना लेना , इसलिए इसे शवासन कहते है। इस आसन से हमें मानसिक शांति मिलती है और एकाग्रता बढ़ती है।
विधि :
- सबसे पहले एक आसन या चटाई बिछा ले।
- पीठ के बल लेट जाएं और दोनों पैरो में ज्यादा से ज्यादा अंतर रखे।
- दोनों हाथो को शरीर से लगभग 6 -7 इंच दुरी से रखे।
- गर्दन सीधी रखे और आँखे बंद रखे।
- अब अपने पैर से कमर तक के भाग पर ध्यान दे और पैरो से कमर तक के भाग को ढीला छोड़ दे ।
- अपने पेट , छाती और हाथो पर लक्ष केंद्रित करे और धीर धीरे ढीला छोड़ दे और Relax हो जाए।
- अब अपनी गर्दन और मस्तिष्क ध्यान दे। गर्दन को ढीला छोड़ दे और मस्तिष्क को शांत कर दे।
- अब आप पूरी तरह से Relax हो गए होंगे।
- अब आप अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करे। पूरा ध्यान सासो पर ही लगाए रखे। सासो की गहराईयो को महसूस करे।
- मन में कोई विचार न आने दे और पूरा ध्यान सासो पर लगाए।
शवासन के लाभ :
- शवासन का सबसे बड़ा फायदा यह है की आप को मानसिक और शारारिक शांति मिलेंगी।
- आप का तनाव खत्म होगा और आप fresh महसूस करोगे।
- हाई ब्लड प्रेशर ,अनिद्रा, सिरदर्द में बहोत ही फायदेमंद ।
- एकाग्रता और स्मरणशक्ति बढेगे और पढाई में मन लगेगा।
- रक्त प्रवाह सुचारू रूप से प्रवाहित होने लगता है।
सावधानी :
- आप जहा भी शवासन करने वाले हो वहा कोई शोर नहीं और चाहिए।
- आप के आँखे बंद होनी चाहिए।
- जब भी हम योग करते है या व्यायाम करते है तो अंत में शवासन जरूर करना चाहिए।
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