हलासन विधि और लाभ
हलासन के नाम से ही हमें पता चल सकता है की यह कैसा होगा। इस आसन में शरीर का आकार किसान के हल बन जाता है इसलिए इस आसन को हलासन कहा जाता है। हलासन हमारे शरीर को लचीला बनाता है। हमारी रीढ़ की हड्डी सदा जवान रहती है। साथ ही हमारी गर्दन, पीठ, कमर के दर्द को काम करता है और वजन घटने में लाभदायक है।
विधि :
हलासन के लाभ :
सावधनियां :
हलासन के नाम से ही हमें पता चल सकता है की यह कैसा होगा। इस आसन में शरीर का आकार किसान के हल बन जाता है इसलिए इस आसन को हलासन कहा जाता है। हलासन हमारे शरीर को लचीला बनाता है। हमारी रीढ़ की हड्डी सदा जवान रहती है। साथ ही हमारी गर्दन, पीठ, कमर के दर्द को काम करता है और वजन घटने में लाभदायक है।
विधि :
- सबसे पहले किसी समतल जहग पर अपनी चटाई बिछा ले
- अब अपनी पीठ के बल लेट जाए। और एड़ी के पंजे मिला ले।
- हाथो की हथेलिया को भूमि पर रखकर कोहनियो कमर सटाए रखे।
- अब श्वास छोड़े और दोनों पैरो को एक दूसरे के साथ सटाते हुए ऊपर की और उठाए।
- पहले 60 फिर 90 डिग्री के कोण तक धीरे धीरे आसमान की और उठाए।
- फिर हथेलियों को भूमि पर दबाते हुए हथेलियों के सहारे पैरो को सिर की और झुकाए और पैरो के पंजो को जमीन पर टिकाने की कोशीश करे।
- अब आप के दोनों हाथ जमीन पर रख दीजिये।
- अब सुविधानुसार इस स्थिती में आप जितने समय रह सकते है उतने समय रहिए।
- पहले 1 -2 मिनट बाद में आप टाइम बढ़ा सकते हो।
- अब धीरे धीरे अपनी पूर्व स्थिती में आ जाए।
हलासन के लाभ :
- हलासन से हमारी रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है। जिससे हमें पीठ से सबंधित कोई शिकायत नहीं होती।
- मेरुदंड संबधी नाड़ियो के स्वास्थ की रक्षा होकर वृद्धाअवस्था के लक्षण जल्दी नहीं आते।
- हलासन के नियमित अभ्यास से अजीर्ण ,कब्ज , थाइरोइड के विकार , असमय वृद्धत्व, दमा, कफ, रक्तविकार, सिरदर्द अदि दूर होता है।
- कंधे गर्दन पीठदर्द कमरदर्द अदि से छुटकारा मिलता है।
- लिवर प्लीहा बढ़ गए हो तो हलासन से सामान्य अवस्था में आ जाते है।
- शरीर बलवान और तेजस्वी बनाता है।
- हलासन से हमारे कमर और पेट की चर्बी कम होती है।और शरीर सुडौल बनाता है।
- यह आसन बांझपन को भी दूर करने में फायदेमंद है
- नींद न आने के समस्या को भी कई हद तक दूर करता है।
सावधनियां :
- हाई ब्लड प्रेशर , कमर दर्द ,गर्दन दर्द के रोगी इस आसन को न करे।
- गर्भवती महिलाएं और मासिक धर्म में यह आसन न करे।
- जो लोग बहोत मोटे है वह यह आसन सावधानी से करे।
- पैरो को आराम से पीछे की तरफ जाए झटका न दे।
- Expert के देखरेख में ही यह आसन करे।
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