27 September 2016

चक्रासन के लाभ और विधि


चक्रासन के लाभ और विधि

chakarasana benefits in Hindi



यह आसन करते वक़्त हमारे शरीर का आकार चक्र के सामान हो जाता है इसलिए इसे चक्रासन कहते है। चक्रासन करने में थोड़ा मुश्किल है।  पर धीरे धीरे हम कर ही सकते है।





चक्रासन की विधि :


  • सबसे पहले आप को शवासन में लेटना होगा।
  • फिर अपने घुटनो को मोड़ दे और एड़ियो को जमीन पर अच्छी तरह सटा दे। और एड़ियो को नितंबो से लगाए।
  • कोहनियो को मोड़ते हुए हाथो के हथेलियों को कंधो के पीछे थोड़े अंतर पर लगाए।
  • इस स्थिति में आप के  कोहनिया और घुटने ऊपर की और होंगे।
  • श्वास अंदर भर के तलवो और हथेलियों के बल पर कमर पेट और छाती को ऊपर की और उठाए।
  • सिर को ऊपर न उठाए उसे निचे ही रहने दे ,अब धीरे धीरे हाथो और पैरो के पंजो के समीप लाने की कोशिश करे।
  • इस स्थिति में आप के कमर पेट पैर की चक्र के जैसे स्थिति बन जाएगी।
  • शक्तिनुसार इस स्थिति में रहने के बाद धीरे धीरे हाथ और पैर के पंजो को दूर करते हुए कमर और कंधो को जमीन पर टिका दे। 
  • और शवासन की स्थिति  में लौट जाए। 



चक्रासन  के लाभ : 

  • पाचन संस्था अच्छी होती है और पेट के चर्बी कम होती है। 
  • यह ह्रदय प्रणाली को सुचारू रूप से चलता है। 
  • मेरुदंड को लचीला बनाकर शरीर को सुडौल और तंदुरुस्त बनाता है। 
  • शरीर में शक्ति और स्फूर्ति बनी रहती है। और शरीर तेजस्वी बनता है। 
  • यह रीढ़ , कंधे , कमर , पेट सभी को स्वस्थ बनाए रखता है। 
  •  वृद्धाअवस्था दूर होती है और स्वप्नदोष दूर होता है। 
  • शरीर सुडौल बनता है और एक्ट्रा fat घट जाता है।

चक्रासन में सावधानी :

चक्रासन करने में थोड़ा मुश्किल है इसलिए जबरदस्ती से यह न करे। 
pregnancy में यह आसन न करे। 

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